सब सुनें लगा कर कान,
लिया बीबी को देवी मान।
कहूँ क्या, हुआ बहुत हलकान, रही साँसत में हरदम जान।
हमारे टूट गये अरमान, बताओ क्या करता भगवान?
मिल गया अचानक ज्ञान, लिया बीबी को देवी मान।
पहले जब तक मैं क्वाँरा था, सब कहते हैं आवारा था।
अब ब्याह हुआ तो सास-ससुर, साली-सालों का प्यारा था।
जब मिला मुझे सम्मान, लिया बीबी को देवी मान।
थे कान पके फब्ती सहकर, क्रोधित होता था रह रहकर।
जो लोग पुकारा करते थे, अक्सर मुझको लल्लू कहकर।
अब उनके खिंचते कान, लिया बीबी को देवी मान।
बंजर-ऊसर मेरा चेहरा, लगता था बेहद डरा-डरा।
जब से पत्नी के पाँव पड़े, मैं अंदर-बाहर हरा-हरा।
लगती है गुण की खान, लिया बीबी को देवी मान।
श्रृंगार किये कुमकुम-काजल, ओढ़े चूनर पहिने पायल।
लगती है चारभुजा धारे, चिमटा, बेलन, झाड़ू, चप्पल।
भय के कारण श्रीमान, लिया बीबी को देवी मान।
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1 comment:
you should write frequently here :)
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